
हाइलाइट्स
सैलरी बढ़ने पर आपके लिए एसआईपी में इन्वेस्टमेंट बढ़ाना ज्यादा फायदेमंद होगा.
म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर औसतन 12 फीसदी का रिटर्न मिलता है.
होम लोन ईएमआई पर मौजूदा ज्यादातर बैंकों की ब्याजदर 9 फीसदी है.
नई दिल्ली. इंक्रीमेंट होने, नौकरी बदलने या किसी अन्य सोर्स से इनकम में बढ़ोतरी होने से कई लोग इस कंफ्यूजन में रहते हैं कि पहले उन्हें प्री-पेमेंट के जरिए लोन चुकाने चाहिए या एसआईपी (SIP) में इन्वेस्टमेंट बढ़ाना चाहिए. इन दिनों ज्यादातर लोगों को कंपनियों की ओर से इंक्रीमेंट मिल चुका है. ऐसे में सैलरी बढ़ने से कई लोगों को इनकम भी बढ़ गई है.
अगर आप भी इसी उलझन में है तो हम यहां आपको पूरी कैलकुलेशन के साथ इस समस्या का समाधान बता रहे हैं. आइए जानते हैं कि लोन प्री-पेमेंट और एसआईपी में इन्वेस्टमेंट बढ़ाने में से आपके लिए कौन से ऑप्शन को चुनना ज्यादा फायदेमंद साबित होगा.
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आपको कहां होगा ज्यादा फायदा?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर किसी की सैलरी बढ़ गई है तो उसके लिए एसआईपी में इन्वेस्टमेंट बढ़ाना ही ज्यादा फायदेमंद होगा. आप एसआईपी में जो पैसा लगाते हैं वह शेयर मार्केट निवेश होता है. लॉन्ग टर्म में इस पर आपको जो रिटर्न मिलता है, वह होम लोन की ब्याज दर से काफी ज्यादा होता है. ऐसे में अगर कोई पहले होम लोन चुकाने का ऑप्शन चुनता है तो उसे ओवरऑल नुकसान ही होगा. होम लोन समय से पहले चुकाने का फैसला लेने पर आपकी नेटवर्थ कम हो जाएगी. वहीं एसआईपी बढ़ाने पर नेटवर्थ ज्यादा होगी.
पहले होम लोन चुकाने से कैसे होगा नुकसान?
मौजूदा समय में जो लोग होम लोन की ईएमआई चुका रहे हैं वे उस पर 9 फीसदी की दर से ब्याज दे रहे हैं. वहीं म्यूचुअल फंड की रेगुलर स्कीमों में निवेश करने पर औसतन 12 फीसदी और डायरेक्ट प्लान में लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करने पर औसतन 13.5 फीसदी की दर से रिटर्न मिल रहा है. इस मतलब यह है कि होम लोन के मुकाबले म्यूचुअल फंड में आपको ज्यादा रिटर्न मिलेगा. यही कारण है कि एसआईपी बढ़ाने से आपको फायदा होगा, वहीं होम लोन पहले चुकाने से नुकसान होगा.
ज्यादा ब्याजदर वाले लोन के लिए क्या करें?
कई लोगों के मन में यह सवाल भी उठता है कि अगर उन्होंने होम लोन के अलावा कोई पर्सनल लोन ले रखा है जिसकी ब्याज दर काफी ज्यादा है तो ऐसे में उन्हें क्या करना चाहिए? फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स के मुताबिक चूंकि पर्सनल लोन के रीपेमेंट की अवधि होम लोन की तुलना में कम होती है. वहीं इस पर आपको ब्याज भी ज्यादा चुकाना होता है. ऐसे में अगर आपके पर्सनल लोन की ईएमआई का बोझ कम करने के लिए आप पहले उसे चुकाकर हर महीने के झंझट से छुटकारा पा सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 01, 2023, 23:26 IST