
हम कूड़े के तौर पर जिन चीजों को रोज फेंकते हैं, उन्हें पूरी तरह से खत्म होने में महीनों और सालों लग जाते हैं, यहां तक पेपर नैपकिन जैसी चीज भी सही तरीके से खत्म होने में कई हफ्तों का समय लेती है. कोल्ड ड्रिंक और बीयर की केन तो कई सालों में डिसाल्व हो पाती हैं. दरअसल हमारा कूड़ा पर्यावरण के लिए एक बड़ी परेशानी भी है.
01
अक्सर लोग सड़क चलते बेकार की चीज़ें और कूड़ा खुले में फेंक देते हैं. जितना आसानी से आप कूड़ा फेंक देते हैं, उससे कई गुना ज्यादा वक्त उसे खत्म होने में वक्त लग जाता है. जानिए सड़क पर फेंके जाने वाले मामूली से कूड़े को खत्म होने में कितना वक्त लगता है?
02

टॉयलेट-वॉशरूम में इस्तेमाल होने वाला छोटा सा पेपर टॉवेल को पूरी तरह नष्ट होने में 2 से 4 हफ्ते लगते हैं. बेशक आपको लग सकता है कि ये तो पतले कागज से बना है और इसको नष्ट होने या घुलने में क्या समय लगेगा लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं.
03

केले खाकर उसके छिलके को खुले में फेंकने वालों को समझना होगा कि इसको पूरी तरह खत्म होने में 2 से 5 हफ्ते लगते हैं. बेशक केले का छिलका नेचर में आराम से मिल जाता है लेकिन समय तो लेता ही है
04

न्यूज़पेपर की बात की जाए तो एक पेपर 6 हफ्ते में जाकर पूरी तरह नष्ट होता है. काफी समय तक तो ये कागज की शक्ल में ही होता है. फिर ये गलकर लुगदी की शक्ल लेता है और फिर ये लुगदी धीरे धीरे करके वातावरण और मिट्टी के साथ समाहित होने लगती है.
05

सेब खाने वाले अक्सर सड़क चलते उसके बचे हुए हिस्से को फेंक देते हैं. लेकिन ये हिस्सा पर्यावरण से पूरी तरह खत्म होने में 2 महीने का वक्त ले लेता है. हमें ये जरूर लगता है कि फल जैसी चीजें तो कूड़े में जाने के बाद खत्म होने में कोई समय नहीं लेंगी लेकिन सेब भी समय लेता है और दो महीने का समय कम नहीं होता.
06

दुनिया में कूड़े और गंदगी में एक बड़ा हिस्सा लाखों की तादाद में रोजाना पैदा होने वाले सिगरेट के ठूंठ हैं. एक छोटे से सिगरेट के ठूंठ को खत्म होने में 1 से 5 साल का वक्त लगता है.
07

प्लास्टिक पृथ्वी के लिए कितना खतरनाक है. इसका अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि एक मामूली सी पॉलिथीन बैग को पूरी तरह नष्ट होने में 10 से 20 साल का वक्त लगता है. हालांकि वैज्ञानिकों और रिसर्च का कहना है कि प्लास्टिक कभी खत्म नहीं होती.
08

नायलॉन फैब्रिक बेशक एक मामूली सा कपड़ा लगे लेकिन इसके छोटे से हिस्सो को पूरी तरह नष्ट होने में 30 से 40 साल का वक्त लग जाता है. इसलिए इस तरह की चीजों का निपटान एक बड़ी समस्या है और ये हमेशा प्रदूषण में एक बड़ी भूमिका भी निभाती हैं.
09

आज के दौर में सॉफ्ट ड्रिंक और बीयर पीने का चलन एलुमिनियम केन में बढ़ गया है. लेकिन एक केन को इस धरती से पूरी तरह खत्म होने में 80 से 200 साल का वक्त लग सकता है.
10

अगर हम डिस्पोज़ेबल डायपर और प्लास्टिक बोतलों की बात करें तो इन्हें खत्म होने में 450 साल का वक्त लग सकता है.
11

बोतलों के ऊपर लगने वाले प्लास्टिक के ढक्कन बेशक मामूली लगें लेकिन एक ढक्कन 450 से 1000 साल के बीच पूरी तरह खत्म होता है.
12

आज बेशक कांच की बोतलों का चलन काफी कम हो गया. लेकिन अनुमान के मुताबिक एक कांच की बोतल 10 लाख साल में जाकर खत्म होगी