
हाइलाइट्स
जहानाबाद में आपसी विवाद में एक शख्स ने लोक शिकायत में दायर कर दिया था मामला.
कार्रवाई में 20 मकानों पर चला प्रशासन का बुलडोजर, रास्ता अतिक्रमण के खिलाफ एक्शन.
जहानाबाद. जहानाबाद जिले के मोदनगंज प्रखंड के परियामा गांव में उसे समय अफरातफरी मच गयी जब प्रशासन की टीम दलबल के साथ अतिक्रमण के खिलाफ अभियान के तहत मकान को तोड़ने के लिए गांव पहुंच गई. जिला से जहां डीसीएलआर खुद गांव पहुंचे थे, जबकि स्थानीय सीओ टीम में मौजूद थीं. देखते ही देखते अतिक्रमणकारियों पर प्रशासन का बुलडोजर चला और 20 मकान ध्वस्त कर दिए गए. वहीं, एक साथ एक गांव में 20 मकान को तोड़े जाने के घटना से पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है. घटना को लेकर गांव में बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है.इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है. वैसे लोग भयभीत हैं जिन्होंने गांव की गलियों को अतिक्रमण कर अपना घर बना लिया है.
अंचलाधिकारी अनु कुमारी ने बतया कि इसी गांव के विनोद शर्मा द्वारा लोक शिकायत निवारण में मामला दर्ज कराया था, जिसमें कहा गया कि गांव के ही कुछ लोग रास्ते पर मकान बनाकर रास्ता को अवरुद्ध कर रहे हैं. इस शिकायत के आलोक में लोक शिकायत निवारण द्वारा सनवाई की गई. आदेश पारित किया गया है कि अतिक्रमण कर बनाए गए मकान को तोड़कर हटा दिया जाए.
20 मकानों को किया ध्वस्त
अंचलाधिकारी ने बताया कि इसी आदेश का तामिला कराने गुरुवार की शाम को डीसीएलआर के साथ अंचलाधिकारी एवं थाना अध्यक्ष के नेतृत्व में प्रशासन की टीम पहुंची. अतिक्रमणकारियों पर बुलडोजर चलाकर राम विनय शर्मा, शरद तिवारी, राधे तिवारी, चंदन कुमार समेत कई लोगों का मकान ध्वस्त किया गया. गुरुवार की शाम और शुक्रवार तक चले अभियान में लगभग 20 मकान को ध्वस्त किया गया.
दहशत में अतिक्रमणकारी
अंचलाधिकारी ने बताया कि जो भी सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किए हुए हैं, उन लोगों को प्रशासन द्वारा हटाया जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी जिले के कई ऐसे गांव हैं जिनकी भी शिकायत पर लोक निवारण में मामला चल रहा है. उन लोगों पर भी प्रशासन का बुलडोजर जल्द ही चलेगा. उन्होंने कहा कि जो भी सरकारी जमीन अतिक्रमण करेंगे प्रशासन उन पर नियमानुसार कानूनी कार्रवाई करेगा.
क्या कहते हैं गांव के लोग?
परियामा के ग्रामीण रामप्रवेश ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि गलत नापीकर गरीबों का घर प्रशासन द्वारा उजाड़ा जा रहा है. इसके खिलाफ हम सभी लोग कोर्ट के भी शरण में गए हैं और 5 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई है, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन द्वारा हम लोगों को मकान को ध्वस्त किया जा रहा है. वह भी ऐसा तब किया जा रहा है जबकि तोड़े जा रहे मकान के ज्यादातर मालिक गरीब ब्राह्मण हैं. हालांकि गांव के लोगों के द्वारा कोई भी ऐसा कागज नहीं दिखाया गया जिसमें स्टे लगाया गया हो.
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FIRST PUBLISHED : September 01, 2023, 12:20 IST