ट्रेन के डिब्बों के कलर का स्पीड है कनेक्शन, जानिए लाल, नीले, हरे रंग में सबसे तेज कौन – News18

हाइलाइट्स

शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों में ज्‍यादातर लाल रंग के डिब्‍बे लगाए जाते हैं.
नीले कलर के डिब्बे एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों में लगाए जाते हैं.
रेलवे में हरे रंग के कोचों का इस्तेमाल ज्यादातर गरीब रथ ट्रेनों में किया जाता है.

नई दिल्‍ली. अगर आपने रेल यात्रा के दौरान ट्रेनों के डिब्‍बों के कलर पर ध्‍यान दिया होगा तो आपने जरूर देखा होगा कि ट्रेनों में अलग-अलग कई कलर के डिब्बे होते हैं. लेकिन यह बात बहुत कम लोग ही जानते हैं कि ट्रेन के डिब्बों का रंग अलग-अलग करने के पीछे भी कई कारण होते हैं. ट्रेन के डिब्‍बों के रंग और डिजाइन के भी अलग मायने होते हैं. दरअसल, ट्रेनों की विशेषता के अनुसार डिब्बों का कलर और डिजाइन तय तय किया जाता है. वहीं किसी ट्रेन के डिब्बों को देखकर आप उसकी स्पीड का भी अंदाजा लगा सकते हैं.

रेलवे ट्रेनों में डिब्बे भी कई अलग-अलग कलर के डिब्बे लगाता है. इससे यात्रियों के लिए ट्रेनों की पहचान करना काफी आसान हो जाता है. आइए जानते हैं कि रेलवे में डिब्बों के अलग-अलग कलर का क्या मतलब होता है और आप इससे ट्रेन की स्पीड का अनुमान कैसे लगा सकते हैं.

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शताब्दी और राजधानी में होते हैं लाल कलर के डिब्बे
भारतीय रेलवे की शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों में ज्‍यादातर लाल रंग के डिब्‍बे लगाए जाते हैं. अल्युमिनियम से बने होने की वजह से ये डिब्बे दूसरे डिब्बों की तुलना में काफी हल्के होते हैं. यही कारण है कि इन डिब्बों को हाई स्‍पीड ट्रेनों में लगाया जाता है. वहीं डिस्क ब्रेक की वजह से इमरजेंसी में इन्‍हें जल्‍द रोका जा सकता है. इन डिब्बों को वर्ष 2000 में जर्मनी से लाया गया था. लाल रंग के डिब्बों वाली ट्रेनों की स्पीड 160 से लेकर 200 किमी प्रति घंटे तक होती है.

एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों में होते हैं नीले कलर के डिब्बे
आपने देखा होगा कि भारतीय रेलवे की ज्यादातर ट्रेनों नीले कलर के डिब्बे लगाए जाते हैं. दरअसल, इन डिब्बों को इंटीग्रल कोच कहा जाता है. ये डिब्बे एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों में लगाए जाते हैं. ये लोहे के बने होते हैं इसलिए इनका वजन ज्यादा होता है. इन्‍हें रोकने के लिए एयरब्रेक का इस्तेमाल किया जाता है. इन डिब्बों को केवल 70 से 140 किमी प्रति घंटे की स्पीड से ही चलाया जा सकता है.

गरीब रथ ट्रेनों में होते हैं हरे और भूरे रंग के कोच
रेलवे ने ट्रेनों की आसानी से पहचान करने और उसमें विविधता लाने के लिए ट्रेनों में अलग-अलग कलर के डिब्बों का इस्तेमाल शुरू किया था. भूरे रंग के कोचों का इस्तेमाल छोटी लाइनों पर चलने वाली मीटर गेज ट्रेनों में होता है. वहीं रेलवे में हरे रंग के कोचों का इस्तेमाल ज्यादातर गरीबरथ ट्रेनों में किया जाता है. कई बार इस पर अलग-अलग तरह की चित्रकारी भी की जाती है, जिससे वह कोच देखने में और भी मनमोहक हो जाता है.

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Source : hindi.news18.com