नजर से बचने के लिए ट्रक में जो 'नींबू' लगाता था उसी नींबू ने बदली किस्मत, ड्राइवर छोड़ बना लखपति – News18

सुनील साहू/ चित्तौड़गढ़. यह कहानी राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के एक छोटे से गांव के उस किसान की है, जिसे कुछ वर्षों पहले तक खेती व बागवानी के बारे में बिल्कुल भी समझ नहीं थी. उस समय तक वह केवल ट्रक पर ड्राइवरी करता था. ट्रक चलाते समय उसका आना—जाना अक्सर गुजरात हुआ करता था.  वहां से सब्जियों लोड कर अन्य राज्यों में ले जाता है. इस दौरान उसकी मुलाकात गुजरात के किसानों से होती. इसी दरम्यान होने वाली सामान्य बातचीत में उसने बागवानी के तरीके जानें और फिर एक दिन ट्रक ड्राइवरी छोड़ अपनी पुश्तैनी जमीन में नींबू के कुछ पौधे लगाए. हालांकि, शुरुआत में सफलता नहीं मिली. लेकिन, धीरे—धीरे मेहनत करने पर अब उस किसान ने करीब पांच बीघा जमीन पर नींबू के बगीचे लगा दिए हैं. इन बगीचों में होने वाले नींबू से उसे सालाना छह लाख तक की कमाई हो जाती है

बड़वाई गांव के किसान मांगीलाल जटिया बताते हैं कि उन्होंने करीब 12 साल पहले अपनी पांच बीघा जमीन में नींबू की बागवानी शुरू की थी. इस बारे में वे बताते हैं कि ट्रक चलाने के दौरान उनका गुजरात आना-जाना रहता था. गुजरात में बागवानी खेती वाले किसानों उनकी मुलाकात होती. इसी वजह से उन्होंने गुजराती किसानों नींबू की खेती के बारे में जाना व सीखा. उसके बाद नींबू की खेती शुरू की.

कागजी नींबू के पौधे लगाए
किसान मांगीलान के बेटे लोकेश भी उनकी मदद करते हैं. लोकेश ने बताया कि उनके पिता ने नींबू के पौधे उदयपुर जिले की मावली तहसील की सरकारी पौधशाला से 12 वर्ष पूर्व ₹9 प्रति पौधे के हिसाब से खरीदे थे. नींबू में यह कागजी किस्म के नींबू के पौधे हैं. इन्हें बारहमासी नींबू भी कहा जाता है. क्योंकि यह साल के 12 ही महीने नींबू देते हैं. नींबू के पौधे से अच्छा उत्पादन लेने के लिए प्रति वर्ष अक्टूबर से नवंबर महीने में पौधे की टहनियों की कटाई की जाती जिससे पुनः शीत ऋतु में नई टहनियां की प्राप्ति होती है. अभी 5 बीघा जमीन में 250 से 300 पौधे लगा रखे हैं.

हर साल छह लाख तक की कमाई
लोकेश बताते हैं कि इन पौधों से आने वाले नींबू से उनके परिवार को को प्रतिवर्ष 5 से 6 लाख रुपए की आमदनी होती है. वहीं कीटनाशक आदि के छिड़काव में खर्चा मात्र 20 हजार रुपए तक का आता है.इस कागजी किस्म के नींबू का वजन प्रति नींबू 35 से 50 ग्राम रहता है.लोकेश ने बताया कि इस वर्ष उनके पिता ने लौंग, इलाइची, नारियल, काजू, एप्पल व कटहल के 10-10 पौधे अपने खेत पर लगाए हैं ताकि पौधे के ऊपर जलवायु और मिट्टी का परीक्षण किया जा सके. जिससे पौधे की वृद्धि व विकास को समझा जा सके.

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Source : hindi.news18.com