1 मिनट का ये हवन खोल देगा किस्मत का ताला! जापानियों ने भी आजमाया – News18

मेघा उपाध्याय/इंदौर. एक ऐसा हवन जिसको करने से जीवन के सभी दुखों का निवारण होता है फिर चाहे वह घर के कलेश हो या कोई रोग. इस हवन को रामायण काल से किया जा रहा है. यह हवन है अग्निहोत्र. कहा जाता है भगवान राम भी इस हवन को नियमित रूप से करते थे. जिससे उनके जीवन में ऊर्जा और सकारात्मकता बनी रहती थी. इस हवन को करने की विधि इतनी आसान है कि केवल 1 मिनट में इसे किया जा सकता है. वो भी बिना किसी तरह के तामझाम और महंगे खर्च के.

अग्निहोत्र हवन के जानकार डॉ. प्रेम जोशी ने बताया सालों से वह इस हवन के जरिए लोगों की समस्याओं को हल कर रहे हैं और इससे कई लोगों को रोग और निजी जीवन में आने वाली समस्याओं से निवारण मिला है. उनके अनुसार केवल 5 दिन ही नियमित रूप से करने पर इसका असर दिखाई देने लगता है. खास तौर पर जीवन में सफलता पाने के लिए और नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहने के लिए यह एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है.

कैसे किया जाता है अग्निहोत्र ?
इस हवन में पिरामिड आकार के एक तांबे के पात्र में हवन पात्र के तल में उपले का एक छोटा टुकडा रखें. उस पर उपले के टुकडों को घी लगाकर उन्हें इस प्रकार रखें (उपलों के सीधे-आडे़ टुकडों की 2-3 परतें)कि भीतर की रिक्ति में वायु का आवागमन हो सके.उसके पश्चात उपले के एक टुकड़े को घी लगाकर उसे प्रज्वलित करें तथा हवन पात्र में रखें. कुछ ही समय में उपलों के सभी टुकड़े प्रज्वलित होंगे. अग्नि प्रज्वलित होने के लिए वायु देने हेतु हाथ के पंखे का उपयोग कर सकते हैं. अग्नि प्रज्वलित करने के लिए मिट्टी के तेल जैसे ज्वलनशील पदार्थों का भी उपयोग न करें. अग्नि निरंतर प्रज्वलित रहे अर्थात उससे धुआं न निकले..डॉ. प्रेम जोशी के अनुसार बताई गई इस विधि का पालन ही अग्निहोत्र है, इसलिए प्रचलित किसी भी होम हवन से अग्निहोत्र की कोई तुलना नहीं है. जहा अन्य सभी होम हवन किसी भी पूजा पाठ के निमित्त किए जाते हैं वही अग्निहोत्र एक दिनचर्या का हिस्सा है.

अग्निहोत्र हवन का लाभ
अग्निहोत्र हवन कोई भी व्यक्ति कर सकता है जिसमें घर के छोटे बच्चों से लेकर मासिक धर्म वाली महिलाएं भी शामिल है. किसी कारणवश अगर यह हवन कुछ दिनों तक नहीं भी हो पाए तो इसका कोई दोष नहीं लगता. बता दें इसमे किसी तरह के नियम और दिनचर्या में बदलाव की भी आवश्यकता नहीं है.यह एक विज्ञान की तरह है जिसके अनुसार इससे सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होता है. ऐसा माना जाता है कि अग्निहोत्र पौधों में जीवन शक्ति का पोषण करता है तथा हानिकारक विकिरण और रोगजनक जीवाणुओं को उदासीन बनाता है. जल संसाधनों की शुद्धि हेतु भी इसका उपयोग किया जा सकता है. ऐसा माना जाता है कि यह नाभिकीय विकिरण के दुष्प्रभावों को भी कम कर सकता है.

जापान में भी प्रचलित है अग्निहोत्र
दुनिया भर के कई देश जैसे जापान और अमेरिका में अग्निहोत्र को दिनचर्या में शामिल किया गया और कई कामों में सफलता प्राप्त हुई है. यह अब दुनिया भर में मूल मंत्र की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. साथ ही ऑनलाइन भी इससे जुड़ी कई वेबसाइट है जो इसको विज्ञान बोलकर लोगों को प्रेरित कर रही है लेकिन यह भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसे आज भी कई लोग अनजान है.

Tags: Dharma Aastha, Indore news, Local18, Madhya pradesh news, Religion 18

Source : hindi.news18.com