ग्रेच्युटी की रकम देने से मुकर जाए कंपनी तो आपके पास क्या है रास्ता, कैसे वसूल करें अपने हक का पैसा? – News18

हाइलाइट्स

पांच साल तक एक ही कंपनी में काम करने पर कर्मचारी को कंपनी ग्रेच्युटी का भुगतान करती है.
कंपनी बिना किसी कारण कर्मचारियों की ग्रेच्युटी का पैसा नहीं रोक सकती है.
कर्मचारी के दोषी पाए जाने पर भी कंपनी ग्रेच्युटी का पूरा पैसा नहीं रोक सकती है.

नई दिल्ली. अगर कोई कर्मचारी लगातार 5 साल से अधिक समय तक एक ही कंपनी में काम करता है तो नियमानुसार उस कर्मचारी को कंपनी की ओर से ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाता है. लेकिन कई बार ऐसा भी देखने में आता है कि कंपनियां ग्रेच्युटी का भुगतान करने से मुकर जाती है. ऐसे में आपके लिए यह जानना जरूरी है कि इस तरह की स्थिति उत्पन्न होने पर कर्मचारी के पास क्या अधिकार होते हैं और वह कैसे अपने हक की रकम वसूल कर सकता है.

अगर आपकी कंपनी भी आपको ग्रेच्युटी का पैसा देने में आनाकानी करती है तो आप कुछ कदम उठा सकते हैं. आइए जानते हैं कि कंपनी कब ग्रेच्युटी का पैसा देने से इनकार कर सकती है और गलत तरीके से आपका पैसा रोकने पर आप क्या कर सकते हैं.

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कर्मचारियों के पास होते हैं ये अधिकार
अगर कर्मचारी ने किसी कंपनी में पूरे पांच साल सेवा दी है और बिना किसी दोष के कंपनी उसकी ग्रेच्युटी का पैसा देने से इनकार कर देती है तो इस स्थिति में कर्मचारी कंपनी के खिलाफ क़ानूनी नोटिस भेज सकता है. यदि नोटिस के बाद भी समस्या का समाधान नहीं होता है तो कर्मचारी कंपनी के खिलाफ जिला श्रम आयुक्त से शिकायत कर सकते हैं. अगर जांच में कंपनी दोषी पाई जाती है तो उसे ग्रेच्युटी के साथ-साथ कर्मचारी को जुर्माने और ब्याज का भी भुगतान करना पड़ता है.

बिना कारण ग्रेच्युटी नहीं रोक सकती कंपनी
कोई भी कंपनी बिना किसी कारण कर्मचारियों की ग्रेच्युटी का पैसा नहीं रोक सकती है. अगर किसी कर्मचारी पर अनैतिक व्यवहार करने का आरोप लगता है या उसकी लापरवाही की वजह से कंपनी को कोई बड़ा नुकसान हुआ है तो कर्मचारी के दोषी पाए जाने पर ग्रेच्युटी का पैसा रोका जा सकता है. लेकिन इससे पहले कंपनी को पहले कारण बताओ नोटिस जारी करना होता है. इसके बाद कंपनी को सबूत और सही कारण पेश करने होंगे. दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद ही अंतिम फैसला किया जाता है.

पूरा पैसा नहीं हड़प सकती कंपनी
अगर किसी कर्मचारी के अनैतिक व्यवहार या लापरवाही की वजह से कंपनी को कोई नुकसान होता है और जांच में कर्मचारी दोषी पाया जाता है तो उसके बाद भी कंपनी ग्रेच्युटी का पूरा पैसा नहीं रोक सकती है. ऐसी स्थिति में कंपनी ग्रेच्युटी की राशि में से केवल उतना ही पैसा काट सकती है जितना उसे नुकसान हुआ है. शेष बची हुई ग्रेच्युटी की राशि पर फिर भी कर्मचारी का ही अधिकार होता है.

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Source : hindi.news18.com