
रविंद्र कुमार/झुंझुनूं. झुंझनूं के सारी गांव में रहने वाला युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग लखन सिंह ने एक मिशाल पेश की है.लखन सिंह सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के पद पर रहते हुए गोट फार्मिंग करके साल के लाखों रुपए कमा रहे हैं . अब पूरा परिवार गोट फार्मिंग में उनका साथ दे रहा है. इससे पहले उनके पिता खेती करते थे. परंपरागत खेती करते हुए ज्यादा मुनाफा नहीं होने की वजह से पिछले साल उन्होंने गोट फार्मिंग करने का निश्चय किया. पांच बकरियों से शुरुआत करके वर्तमान समय में उनके पास 100 से ज्यादा छोटे और बड़ी बकरियां हैं.
सॉफ्टवेयर इंजीनियर लखन सिंह ने कहा कि उनका पूरा परिवार शुरू से ही खेती करता आया है. उन्होंने पढ़ाई लिखाई कर वर्तमान समय में वह कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद कार्यरत है. कोरोना की वजह वे वर्क फ्रॉम होम करते हुए उनको घर पर काफी समय हो गया. उन्होंने घर पर यह डिस्कस किया कि अब वह खेती के साथ में गोट फार्मिंग भी शुरू करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि अभी उनके पास में बकरियों की तीन ब्रीड है. सोजत, बीटल व गुजरी नस्ल की बकरियां अभी उनके फार्म पर हैं.अभी इनकी फार्म पर 35 बकरियां हैं.
1 साल में 6 लाख रुपये का मुनाफा
लखन सिंह ने बताया कि वह मुख्य रूप से दो प्रोजेक्ट पर कम कर रहे हैं. जिसमें एक बकरियों की नस्ल सुधारने का और दूसरा व्यापार का जिसमें वह 50% तक ब्रीडर को मार्केट में बेचते है. वह बाकी को नस्ल सुधार के लिए आसपास के गोट फार्मर्स को उपलब्ध करवाते है. उन्होंने बताया कि खेती के साथ में गोट फार्मिंग एक बहुत ही अच्छा बिजनेस मॉडल है, क्योंकि इसके लिए खेत में बचे हुए अवशेष, हरा चारा, लॉन्ग इत्यादि आसानी से मिल जाती है. जिससे गोट फार्मिंग शुरू करना बहुत बड़ा चुनौती पूर्ण नहीं रहता है. लखन सिंह ने कहा कि अभी तक की 1 साल में उन्होंने 6 लाख रुपए का मुनाफा इस फार्म से कमा चुके है. बकरी का दूध इम्यूनिटी बूस्टिंग, डेंगू जैसे रोग में बहुत ही महत्वपूर्ण भागीदारी निभाता हैं तो जल्द ही वह प्रयास करेंगे कि इसके लिए दूध प्रोजेक्ट पर भी काम किया जाए. साथ में ही इन नस्लों को और सुधार किया जाए. जिसमें किसानों को अत्यधिक लाभ उसे प्राप्त हो सके.
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FIRST PUBLISHED : September 01, 2023, 15:19 IST