
हाइलाइट्स
फाइनेंशियल इंफ्लुएंसर लोगों को शेयर बाजार में निवेश की सलाह देते हैं.
SEBI फाइनेंशियल इंफ्लुएंसर की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने की तैयारी कर रहा है.
प्रस्ताव के तहत वित्तीय इन्फ्लूएंसर को सेबी के पास अपना पंजीकरण कराना होगा
नई दिल्ली. शेयर बाजार में पैसा लगाना है लेकिन कौन-सा स्टॉक खरीदें इसकी समझ नहीं हो तो इसके लिए ज्यादातर लोग यूट्यूब की मदद लेते हैं. जहां, मुफ्त में लोगों को शेयर मार्केट का ज्ञान मिल जाता है. लेकिन, ये मुफ्त का ज्ञान लोगों के लिए घातक भी साबित हो सकता है, क्योंकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर स्टॉक टिप्स देने वाले लोग जिन्हें फाइनेंशियल इंफ्लुएंसर कहा जाता है. उनके पास कोई समझ या अनुभव है इसकी कोई गारंटी नहीं होती है.
इसके अलावा, कई फाइनेंशियल इंफ्लुएंसर किसी कंपनी के शेयरों को बढ़ावा देने के लिए निवेशकों को गलत सलाह दे सकते हैं. इन कारणों के चलते बाजार नियामक SEBI इन फाइनेंशियल इंफ्लुएंसर के खिलाफ लगातार शिकंजा कसने की तैयारी में है.
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फाइनेंशियल इंफ्लुएंसर से कैसा डर?
शेयर बाजार में निवेश को लेकर हमेशा फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है. आज सोशल मीडिया के जमाने में यूट्यूब पर फाइनेंशियल इंफ्लुएंसर की बाढ़ आ गई है. इनमें से ज्यादातर सर्टिफाइड एडवाइजर नहीं होते हैं. ऐसे में इनकी राय पर इन्वेस्टमेंट करना घातक साबित हो सकता है. इसके अलावा, कई फेमस फाइनेंशियल इंफ्लुएंसर किसी कंपनी से लाभ लेकर उसके शेयरों पर खरीदी की राय देते हैं, यह भी निवेशकों के हित में नहीं है.
पैसे लेकर करते हैं पोस्ट
इन कारणों से SEBI सोशल मीडिया और यूट्यूब पर मौजूद फाइनेंशियल इंफ्लुएंसर के खिलाफ कड़े नियम लाने की तैयारी कर रही है. दरअसल ऐसा पता चला था कि ये वित्तीय इन्फ्लूएंसर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करने के लिए 7.5 लाख रुपये तक लेते हैं और अपनी राय से लोगों के वित्तीय फैसलों को प्रभावित करते हैं. हालांकि, अब इन्हें नियामक के दायरे में आना होगा, क्योंकि भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (SEBI) इनकी तेजी से बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने की तैयारी कर रहा है.
प्रस्ताव के तहत वित्तीय इन्फ्लूएंसर को सेबी के पास अपना पंजीकरण कराना होगा, और विशिष्ट दिशानिर्देशों का पालन करना होगा. इसके अलावा इनके म्यूचुअल फंड और शेयर ब्रोकरों के साथ साझेदारी करने पर भी प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है. सोशल मीडिया पर कई इन्फ्लूएंसर अच्छी जानकारी देते हैं, लेकिन इस बात की आशंका बढ़ रही है कि अनियंत्रित इन्फ्लूएंसर जोखिमों को बढ़ा सकते हैं और पक्षपातपूर्ण या भ्रामक सलाह दे सकते हैं.
आनंद राठी वेल्थ के उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी फिरोज अजीज ने पीटीआई-भाषा को बताया कि सेबी का प्रस्तावित कदम यह सुनिश्चित करता है कि निवेशकों को सटीक और निष्पक्ष जानकारी मिले. इससे उन्हें धोखाधड़ी से बचाने में भी मदद मिलेगी.
(भाषा से इनपुट के साथ)
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Tags: Business news in hindi, SEBI, Stock market, Youtuber
FIRST PUBLISHED : September 04, 2023, 13:21 IST