क्या कहता है विज्ञान: यदि कोई इंसान ब्लैक होल में गिर जाए तो क्या होगा? – News18

हाइलाइट्स

ब्लैक होल सब कुछ अपने अंदर खींच लेता है.
अंदर जाने वाले पदार्थ के पर बहुत ज्यादा गुरुत्व बल लगता है.
अंदर जाने के बाद इंसान को अलग ही तरह के अनुभव होंगे.

ब्लैकहोल ब्रह्माण्ड का ऐसा पिंड है जिसमें सबकुछ यहां तक कि प्रकाश तक खींच लेने की क्षमता होती है. यानि अभी तक किसी भी ब्लैक होल से किसी भी तरह की प्रकाशीय या अन्य विद्युतचंबकीय तरंगें बाहर नहीं निकल सकी हैं. और इसी वजह से हमें वे तो दिखाई नहीं देते हैं, बल्कि उनके पास के अतिसक्रिय क्षेत्र जिसे इवेंट होराइजन कहते हैं, वह दिखाई देता है जिसके जरिए हम ब्लैक होल की उपस्थिति की पहचान करते हैं. ऐसे में यह केवल कल्पना का विषय हो जाता है कि क्या होगा जब कोई इंसान ब्लैक होल में गिर जाए. आइए जानते है कि इस पर क्या कहता है विज्ञान (What does Science Say)?

प्रकाश तक नहीं बचता इसके गुरुत्व से
ब्लैक होल के वर्तमान ज्ञात जानकारी और उसके पास के इवेंट होराइजन के बर्ताव को देखते हुए भौतिक सिद्धांत इंसान के ब्लैक होल  पर गिरने पर क्या कहते हैं इसका अनुमान लगाया जा सकता है. सैद्धांतिक तौर पर ब्लैक होल वह क्षेत्र है जहां पदार्थ सिकुड़ कर अनंत घनत्व का हो जाता है. ऐसे में इस स्थान का गुरुत्व इतना शक्तिशाली हो जाता है कि प्रकाश तक उससे बच नहीं पाता है.

किसी ब्लैक होल की ओर
यदि आप किसी शक्ति शाली रॉकेट वाले अंतरिक्षयान में सवार हो कर किसी ब्लैक होल के पास जा रहे हैं जो आकार में बड़ा होगा. हो सकता है कि वह गैलेक्सी के केंद्र वाले सुपरमासिव ब्लैक होल हो जिसमें अरबों सूर्य का भार हो या फिर एक तारकीय ब्लैक होल जो एक विशाल तारे के मरने के बाद सिकुड़ने से ब्लैक होल बन हो जैसे हमारे सबसे पास 19 किलोमीटर चौड़ा सिग्नस एक्स1 हमसे केवल 6 हजार प्रकाशवर्ष की दूरी पर है.

ब्लैक होल से काफी पहले ही
ब्लैक होल के पास पहुंचने से पहले ही हमें उसकी उपस्थिति उसके आसपास की गतिविधियों से पता चल जाएगी. उसके आसपास की एक डिस्क या चक्रिका होगी जिसमें बहुत ही गर्म पदार्थ इतना चमक रहा होगा वह बहुत दूर दराज तक दिखाई देगा. अगर आप यान को ब्लैक होल में समा जाने नहीं देना चाहते होंगे तो यान को ब्लैक होल के गुरुत्व के प्रभाव में आने से पहले ही रोकने का प्रयास करेंगे.

ब्लैक होल की उपस्थिति की पता उसके आसपास की घटनाओं से चलता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Shutterstock)

बढ़ता जाएगा खिचांव
चूंकि आपको ब्लैक  होल में जाकर देखना है तो आपखुद एक जेटपैक वाला स्पेस सूट पहन कर आगे जाएंगे.जैसे जैसे आप ब्लैक होल के  नजदीक जाएंगे, ब्लैक होल का खिंचाव बढ़ता जाएगा और आप गोल घूमते हुए इवेंट होराइजन के अंदर की ओर खिंचे चले जाएंगे. लेकिन जल्दी ही एक ऐसी स्थिति आएगी कि आपके शरीर के हिस्सों में गुरुत्व का अलग-अलग प्रभाव दिखने लगेगा.

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शरीर के अलग हिस्सों में अलग प्रभाव
अगर पैर ब्लैक होल के अंदर की ओर हुए तो, पैरों पर ज्यादा गुरुत्व होगा सिर पर कम होगा. इससे आपके पैर आपके सिर की तुलना में ज्यादा त्वरित गति से नीचे गिरेंगे यानि शरीर खिंचने लगेगा. आपको दर्द कब महसूस होगा यह ब्लैक होल के आकार पर निर्भर होगा, सुपरमासिव ब्लैक होल में केंद्र से 60 हजार किलोमीटर पहले और तारकीय ब्लैक होल में केंद्र से छह हजार किलोमीटर पहले ऐसा अहसास होने लगेगा.

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प्रकाश खींचने वाले ब्लैक होल के अंदर गरुत्व केंद्र की ओर तेजी से बहुत ही अधिक मात्रा में बढ़ते जाना चाहिए. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Shutterstock)

होने लगेंगे शरीर के हिस्से
दोनों की हालात में ज्वारीय बल शरीर के इलास्टिक सीमाओं को पार कर जाएंगे और आपके टुकड़े होने शुरू हो जाएंगे जिसमें सबसे पहले आपकी कमर के पास का क्षेत्र सबसे ज्यादा कमजोर होने की वजह से अलग होगा. आप देखेंगे कि आपके शरीर का निचला हिस्सा तैर रहा है, लेकिन उसमें खिंचाव जारी है. फिर धड़ और शरीर के अन्य हिस्से अलग-अलग होने लगेंगे.

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तार्किक तौर पर समझें तो इस प्रक्रिया के दौरान काफी पहले ही मौत हो चुकी होगी, चेतना जा चुकी होगी लेकिन आपके शरीर के हिस्सों के टुकड़े होते रहेंगे. पहले शरीर के अंग टूटेंगे, फिर अंगों के ऊतक और फिर विभिन्न यौगिक तत्व अलग होंगे और ऐसा तब तक चलता रहेगा जब तक यह सिलसिला परमाणु के अंदर के भी स्तर तक ना पहुंच जाए. लेकिन एक बात है पदार्थ के अलग तो होगें लेकिन साथ ही संकुचित भी होते रहेंगे जब तक कि वह केंद्र में पहुंच कर अनंत घनत्व में ना पहुंच जाएं. इसी बिंदु को वैज्ञानिक सिंग्युलेरिटी कहते हैं.

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Source : hindi.news18.com