
हाइलाइट्स
आदित्य एल1 के बाद इसरो के अगले अभियानों पर लोगों की नजर होगी.
इसमें गगनयान की सबसे अधिक चर्चा है जिसके कुछ परीक्षण अक्टूबर होंगे.
अब बड़ा अभियान एक्सपोसैट होगा जिसे दिसंबर के आखिर में प्रक्षेपित किया जाएगा.
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद, आदित्य एल1 के सफल आगाज ने भारत को अंतरिक्ष के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ला दिया है. इस सफलताओं के बाद भारत के लोगों में तो यह दिलचस्पी है ही दुनिया के देश जानना चाहते हैं कि इसरो के आगामी अभियान कौन से हैं. भारत के लोगों को इसरो के अन्य महत्वाकांक्षी अभियान गगनयान का इंतजार है जिसके जरिए तीन भारतीयों को भारत की धरती से भारतीय यानों के जरिए पहली बार अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. फिलहाल इस अभियान की तैयारी जोरों पर तो चल रही है. लेकिन इसरो का अगला बड़ा अभियान यह नहीं बल्कि एक्सपोसैट है.
आदित्य एल1 का सफल आगाज
2 सिंतबर की दोपहर से ठीक पहले इसरो ने अपना आदित्य एल1 का प्रक्षेपण कर अभियान की सफल शुरुआत की. अब यह यान अगले चार महीनों में 15 लाख किलोमीटर का सफर कर पृथ्वी और सूर्य के बीच लैगरेंज बिंदु एक पर जाकर स्थापित हो जाएगा जहां से वह अपने खास सात उपकरणों के जरिए लगातार सूर्य पर नजरें जमाए रहेगा.
चंद्रयान-3 की सफलता
आदित्य एल1 के शुभारम्भ के दस दिन पहले इसरो ने चंद्रयान-3 अभियान के जरिए बीते 23 अगस्त को अपना विक्रम लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलता पूर्वक उतार कर इतिहास रच दिया था. दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है. वहीं चांद पर सफल लैंडिंग करने वाला वह दुनिया के चार देशों में से एक हो गया है.
गगनयान पर निगाहें
इन दो अभियानों के बाद सबकी निगाहें इसरो के महत्वाकांक्षी अभियान गगनयान पर टिकी हुई हैं. जिसके जरिए भारत के तीन लोग भारतीय यान द्वारा ही अंतरिक्ष जाएंगे. भारत सरकार ने इशारा किया है कि गगनयान की तैयारियां अपनी गति से चल रही हैं. 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर तीन दिन के इस अभियान के बाद गगन यान के यात्री समुद्र में लैंडिंग के जरिए वापसी करेंगे.
गगनयान अभियान के कई हिस्सों के परीक्षण चल रहे हैं लेकिन इसका प्रक्षेपण अगले साल होगा. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Wikimedia Commons)
गगनयान की तैयारियां
हाल ही में देश के केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गगनयान अभियान के लिए परिक्षण अगले महीने से शुरू हो जाएंगे. इसके प्रक्षेपण की तारीखें तय नहीं है. लेकिन इस पर श्री सिंह ने बताया कि पहले दो चरणों के बाद तीसरे चरण का प्रक्षेपण अगले साल के शुरू में हो सकता है. अभी इसके क्रू मॉड्यूल को स्थिर करने और पुनः प्रवेश की गति कम करने संबंधी परीक्षण सफलता पूर्वक पूरे हो चुके हैं.
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लेकिन अगला अभियान गगनयान नहीं
आदित्य एल1 के बाद फिलहाल इसरो का कोई बहुत बड़ा अभियान नहीं है. अब हमें जीएसएलनी, इनसैट 3डीएस, एसएसएलवी-डी3, पीएसएलनी और एवीएम3 जैसे कुछ प्रक्षेपण देखने को मिलेंगे. वहीं अक्टूबर में गगनयान संबधी कुछ परीक्षण इसरो को सुर्खियों में रखेगा. लेकिन फिर इसरो का एक बड़ा अभियान नए साल के मौके पर देश को एक तोहफे के तौर पर मिलेगा.

एक्सपोसैट के जरिए हमारे वैज्ञानिक खगोलीय एक्स रे विकिरण के स्रोतों का अध्ययन करेंगे. (तस्वीर: ISRO)
अंतरिक्ष की एक्स रे किरणों के लिए
इसरो का बड़ा अभियान एक्सपोसैट है जिसका प्रक्षेपण दिसंबर महीने के आखिर दिन होना निश्चित किया गया है. एक्सपोसैट एक्स रे पोलरीमीटर सैटेलाइट है जो अंतरिक्ष में दूर से आने वाली एक्स रे किरणों का अध्ययन करेगा. इसके जरिए हमारे वैज्ञानिक एक्स रे विकिरण के बड़े स्रोत वाले पिंडों की गहराई से पड़ताल कर सकेंगे.
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एक्सपोसैट भारत का पहला पोलरीमेट्री अभियान होगा. इसका मुख्य उद्देश्य एक्स रे का उत्सर्जन करने वाले स्रोतों का अध्ययन करना. इस उपग्रह को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा और इसके साथ पोलिक्स (POLIX) और एक्सस्पेक्ट (XSPECT) नाम के दो खास उपकरणों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. इनके जरिए ब्लैक होल, न्यूट्रॉन तारे, एक्टिव गैलेक्टिक न्यूक्लियस, पल्सर विंड नेब्युला, जैसे पिंडों का अध्ययन किया जाएगा.
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Tags: Aditya L1, Chandrayaan-3, ISRO, Research, Science, Space
FIRST PUBLISHED : September 03, 2023, 06:54 IST