
सनत तिवारी/इटावाः इटवा शहर में कई हजारों वर्ष प्राचीन एक ऐसा नीलकंठ महादेव का मंदिर है, जहां खाली आये भक्तों की भोलेनाथ झोली भर देते हैं. इटावा शहर के मध्य में स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर अपनी मान्यताओं को लेकर शिवभक्तों के लिए आस्था का केंद्र बिंदु बना हुआ है. पूरे देश से यहां शिवभक्त आते हैं और भोलेनाथ की पूजा अर्चना करते हैं. भोलेनाथ अपने भक्तों की हर मुराद को पूरी कर देते हैं, इसलिए हर सोमवार को भक्तों की भारी भीड़ यहां पहुंचती है.
इटावा के नीलकंठ महादेव मंदिर में शिव भक्त अपनी मुरादों और मनोकामनाओं को लेकर आते हैं और मंदिर में बने शिवलिंग पर पुष्प और धतूरा चढ़ाकर भोलेनाथ की पूजा करते हैं. भोलेनाथ को प्रसन्न कर देते हैं, इसलिए इटावा का यह शिवमंदिर भक्तों की मनोकामना पूरी करने के लिए भी जाना जाता है.
मंदिर का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण
इटावा के इस प्रसिद्ध नीलकंठ महादेव मंदिर को अब उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित करने का फैसला किया है. उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग ने 2 करोड़ के अधिक बजट से इटावा के इस नीलकंठ महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार कर रहा है. इटावा के इस नीलकंठ महादेव मंदिर पर सौंदर्यीकरण का काम बहुत तेजी से शुरू हो गया है. पर्यटन विभाग द्वारा इस नीलकंठ मंदिर पर सौंदर्यीकरण का काम शुरू कर दिया गया है.
देश के कोने कोने से आते हैं लाखों श्रद्धालु
सावन के महीने में पूरे भारतवर्ष से लाखों शिवभक्त इटावा के इस नीलकंठ महादेव मंदिर में पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं. सावन के महीने में इटावा शहर के लालपुरा में स्थित इस नीलकंठ मंदिर पर कहीं भी पैर रखने की जगह नहीं मिलती. नीलकंठ मंदिर का पूरा प्रांगण शिवभक्तो से छकाछक भरा रहता है. अपनी मनोकामना व मुरादों को लेकर नीलकंठ मंदिर पहुंचे शिवभक्तों की भोलेनाथ हर मनोकामना पूरी कर देते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 04, 2023, 12:52 IST