
मनमोहन सेजू/ बाड़मेर. एक तरफ जहां लाखों युवा इंस्टाग्राम और फेसबुक की रील लाइफ पर दिन के कई घंटे झोंके हुए हैं. वहीं कुछ ऐसे भी है जो बाली उम्र में वह कर गुजरते है जिसे सोच कर भी हर कोई अचंभित हो जाता है, ऐसी ही एक है जीया शाह. जीया अपने पिता की इकलौती बेटी है इसके बावजूद महज 17 साल में सांसारिक जीवन छोड़कर 6 दिसंबर को संयम पथ अंगीकार करेगी.
जीया शाह महज 17 साल की है और वह सांसारिक जीवन को अलविदा कहकर संयम पथ अंगीकार करने जा रही है. जीया शाह का बाड़मेर में वर्षीदान वरघोड़ा आयोजित किया गया. इस वरघोड़े में जनसैलाब उमड़ पड़ा. जीया शाह ने बताया कि जैन समाज मे संयम पथ को सबसे पवित्र माना जाता है. दो साल पहले उसे भक्ति के भाव आए और शंखेश्वर दादा के दर्शन के बाद यह भाव और प्रबल हो गए.
खुद की दीक्षा को लेकर जब उन्होंने अपने व्यवसाई पिता कल्पेश भाई को बोला तो वह अचंभित हो गए. जीया ने खुद की दीक्षा के लिए माँ झँखना शाह ने अपनी इकलौती बेटी को संयम पथ पर जाने की जब अनुमति प्रदान की तो वह दिन जीया के लिए सबसे यादगार था. इस 20 अगस्त को गुजरात के पालीताना में गुरुदेव श्रेयांस प्रभ सूरीश्वर म.सा. और गुरूवर्या साध्वी श्री प्रशम निधि म.सा. ने इनकी दीक्षा की तिथि तय की.
जीया बताती है कि 6 दिसम्बर के बाद सब कुछ बदल जाएगा उनके कपड़े, उनका निवास,उनकी जीवनशैली और उनके रिश्ते भी लेकिन जो नही बदलेगा वह है धर्म के प्रति उनका भाव. वह बताती है कि उनके मन मे अपने तीर्थंकरों के लिए जो आदर जो समर्पण भाव है उसी की वजह से वह श्वेत वस्त्र धारण कर जिनशासन की धर्म ध्वजा को ऊंचा करने का काम करेगी. जीया की दीक्षा 6 दिसम्बर को गुजरात के पालीताना में गुरुदेव श्रेयांस प्रभ सूरीश्वर म.सा. और गुरूवर्या साध्वी श्री प्रशम निधि म.सा. की पावन निश्रा में सम्पन्न होगी. वह इस दिन 13 मुमुक्षु के साथ संयम पथ अंगीकार करेगी.
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FIRST PUBLISHED : September 04, 2023, 23:46 IST