यहां झूठी कसम खाने वाले की हो जाती है मौत! जानें क्या है इस मठ का सच – News18

सनानदन उपाध्याय/बलिया: देश दुनिया में तमाम चमत्कारिक मठ मन्दिर या फिर समाधि स्थल स्थापित हैं, जिनकी अगल-अलग अपनी मान्यताएं भी हैं. वहीं कुछ ऐसे भी स्थल है, जिनकी मान्यताओं को सुनकर लोग आश्चर्यचकित रह जाते हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं तिवारी के मिल्की में स्थित महाराज बाबा के मठिया की, जहां झूठी कसम खाने वालों की रूह कांप जाती है.

मन्दिर के पुजारी जितेंद्र तिवारी ने कहा कि यह प्राचीन स्वामी जी महाराज बाबा का मठ है. यह अपने आप में एक सुप्रीम कोर्ट है. लोगों का जो फैसला कहीं नहीं होता ,वो यहां चंद मिनटों में हल हो जाता है. यहां झूठी कसम खाने की कोई सलाह भी नहीं देता. यह मठ 5 बीघा में स्थापित है.

कैसे की गई मठ की स्थापना
ये बाबा ब्राह्मण कुल में पैदा हुए थे. इन्होंने 12 साल की उम्र में घर परिवार त्याग कर सन्यास धारण कर लिया था. सन 1844 ई. द्वादशी तिथि को बाबा ने जिंदा समाधि ले ली. 21 दिनों तक बाबा समाधि के अंदर रहे और 21 वे दिन ईश्वर में विलीन हो गए. उसके बाद यहां पूजा पाठ होने लगा. यह एक सिद्ध पीठ है. बाबा को श्री हरि विष्णु का अवतार माना जाता है.

हो चुकी अनहोनी

ऐसे भी तमाम मामले आए, जिसमें झूठी कसम खाने वालों के साथ कई तरह की बड़ी अनहोनी हो गई. जिसके बाद से यहां कोई झूठी कसम खाने की हिमाकत नहीं करता है. अभी कुछ ही दिनों पहले जिले के बांसडीह क्षेत्र से एक मोबाइल चोरी का मामला आया था, जिसमें व्यक्ति को काफी समझाने के बावजूद भी उसने झूठी कसम खा ली, जिस कारण उसी वर्ष उसकी मृत्यु हो गई.

ये बोले मंदिर पर पूजा करने आए श्रद्धालु
पूजा याचना करने आए श्रद्धालु कृष्णा प्रसाद और पं. सुमित जी ने बताया कि बाबा की शक्ति अपरम्पार है. यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है. यहां कोई भी झूठी कसम नहीं खाता है. आज तक जिसने भी यहां झूठी कसम खाई है. वह पूरी तरह से दण्डित हो गया है. मठ पर मौजूद लोग या यहां के गांव वासी भी झूठी कसम खाने की सलाह नहीं देते हैं.

नोट: यहां दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है न्यूज़ 18 इसके किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता

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Source : hindi.news18.com