सनातन धर्म के खिलाफ अपने बयान पर कायम उदयनिधि स्टालिन, बोले- यही बात बार-बार कहूंगा – News18

पूर्णिमा मुरली
चेन्नई. तमिलनाडु (Tamilnadu) के मंत्री और द्रमुक नेता उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) ने सोमवार को एक बार फिर दोहराया कि वह ‘सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए’ वाली अपनी टिप्पणी पर कायम हैं लेकिन उन्होंने नरसंहार के बारे में कभी नहीं कहा है. उन्होंने कहा, ‘मैं इसे जनता पर छोड़ दूंगा कि वह इसे तय करें.’ अगर इस मुद्दे को लेकर कानूनी कार्रवाई होती है तो वे उनका सामना करेंगे.

News18 से एक्सक्लूसिव बात करते हुए उदयनिधि ने कहा, ‘फर्जी खबरें फैलाना उनकी (बीजेपी की) आदत है. मैंने जो भी कहा, उस पर हमेशा कायम रहूंगा और बार-बार कहूंगा. मैंने नरसंहार के बारे में कभी बात नहीं की. मैंने केवल ‘सनातन’ के बारे में बात की, वे किन प्रथाओं का पालन करते हैं, और मैं निश्चित रूप से इसके खिलाफ खड़ा हूं. मैंने जो भी कहा उससे मैं कभी पीछे नहीं हटूंगा.’ भारतीय जनता पार्टी द्वारा राज्यपाल को पत्र सौंपने की योजना के बारे में पूछे जाने पर, सीएम स्टालिन के बेटे ने कहा कि वह किसी भी कार्रवाई का सामना करेंगे और फैसला जनता पर छोड़ देंगे.

डी राजा ने दिया समर्थन कहा- उदय ने कुछ गलत नहीं कहा
उदयनिधि का समर्थन करते हुए, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा ने कहा कि ‘सनातन धर्म’ ‘जातिवाद और पितृसत्ता को कायम रखता है. मुझे नहीं लगता कि उदय ने कुछ भी गलत कहा है. हमें ‘सनातन धर्म’ के खिलाफ लड़ना चाहिए. गौरतलब है कि उदयनिधि के पिता एमके स्टालिन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री हैं और डीएमके के प्रमुख हैं. उदयनिधि ने शनिवार को यह विवादास्पद टिप्पणी की थी, जब वह लेखकों और कलाकारों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे.

विरोध नहीं बल्कि उसे खत्म करना चाहिए
उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया, डेंगू वायरस और मच्छरों से होने वाले बुखार से करते हुए कहा कि सनातन धर्म का विरोध नहीं बल्कि उसे खत्म करना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि यह समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है. दिवंगत सीएम और डीएमके संरक्षक एम करुणानिधि ने समानता पड़ोस (समथुवपुरम) की स्थापना की और सभी समुदायों के लोगों को एक ही स्थान पर बसाया.

सनातन धर्म ने महिलाओं को गुलाम बनाया
उदयनिधि ने कहा कि हमारे कलैगनार (करुणानिधि) ने सभी जातियों के लोगों को अर्चक (मंदिर के पुजारी) बनने के लिए एक कानून लाया. हमारे मुख्यमंत्री (स्टालिन) ने अर्चक प्रशिक्षण पूरा करने वाले लोगों को मंदिरों में पुजारी के रूप में नियुक्त किया है; यह द्रविड़ मॉडल है. खेल विकास मंत्री उदयनिधि ने आरोप लगाया कि सनातन धर्म ने महिलाओं को गुलाम बनाया और उन्हें अपने घरों से बाहर नहीं निकलने दिया, लेकिन आज वे खेलों में उपलब्धियां हासिल कर रही हैं और महिलाओं का एक बड़ा हिस्सा आर्थिक रूप से स्वतंत्र है.

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Source : hindi.news18.com