मैं ठीक हूं मां, टाइम से खाना खा लेना; उत्‍तरकाशी टनल से मजदूर का भावुक संदेश – News18

उत्तरकाशी. उत्तरकाशी में सिल्क्यारा टनल में फंसे मजदूरों को कुछ राहत मिल गई है, क्योंकि उनमें से कुछ मजदूरों ने 10 दिनों तक टनल में फंसे रहने के बाद अपने परिजनों से पहली बार बात की. यहां चल रहे बचाव कार्य में जुटे अफसरों ने मंगलवार को 6 इंच वाली पाइप लाइन के माध्‍यम से मजदूरों और परिजनों के बीच बातचीत संभव कराई. इन मजदूरों में से एक जयदेव ने अपने सुपरवाइजर से अपने संदेश को रिकॉर्ड करने को कहा.

जयदेव ने बांग्‍ला में कहा कि “कृपया रिकॉर्ड करें, मैं अपनी मां को कुछ बताऊंगा. मां, टेंशन कोरोनी आमी थिक अची. टाइम ए कहे नेबे. बाबाकेओ टाइम ए खेये नाइट बोलबे (माँ, मेरी चिंता मत करो, मैं ठीक हूँ. कृपया आप और पिताजी समय पर खाना खाएँ).” अफसरों ने बताया कि मजदूरों से लगातार बातचीत की जा रही है और उनका मनोबल बढ़ाया जा रहा है. इस बातचीत में भी सुपरवाइजर ने टनल में फंसे मजदूरों से कहा कि चिंता नहीं करें, आप सभी को जल्‍द से जल्‍द बाहर निकाला जाएगा.

अन्य मजदूरों ने भी अपने-अपने परिवार को संदेश भेजे
इस बीच मजदूरों से पूछा गया कि क्‍या वे अपने परिवार के लिए कोई संदेश देना चाहते हैं. इस पर जयदेव ने अपनी बात रिकॉर्ड कराई है. इस वॉयस रिकॉर्डिंग को उसके माता-पिता को भेजा जाएगा. जयदेव के अलावा अन्य मजदूरों ने भी अपने-अपने परिवार को संदेश भेजे हैं. जिसमें उन्‍होंने बताया है कि टनल में वे फंस गए हैं, लेकिन सभी सुरक्षित हैं और चिंता करने जैसी कोई बात नहीं है. सभी को जल्‍द बाहर निकालने की कोशिश हो रही है.

टनल में बचाव अभियान पूरी गति से चलाया जा रहा
इससे पहले, इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष अर्नोल्ड डिक्स जो वर्तमान में उत्तरकाशी सुरंग ढहने वाली जगह पर चल रहे बचाव प्रयासों की देखरेख कर रहे हैं, ने कहा कि 6 इंच की पाइपलाइन को पूरी तरह कार्यात्मक बनाने के लिए काम किया जा रहा है. उन्‍होंने बताया कि मजदूरों के लिए सुरक्षित स्‍थान बनाने के लिए अलग से काम हो रहा है, साथ ही सभी मजदूरों की निकासी को लेकर ड्रिल किया जा रहा है. यह पूरा काम बहुत सावधानी से किया जा रहा है.

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Source : hindi.news18.com